ESI कर्मचारी राज्य बीमा निगम क्या है ? लाभ, पात्रता और नियम।

कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ESIC) कर्मचारियों, मजदूर/श्रमिक वर्ग को बहुत से फायदे/लाभ (ESI Ke Fayde) देता है। लेकिन ईएसआई के फायदे उन्ही लोगों को मिलते है जो ईएसआई के नियम (ESIC ke niyam) के तहत आते है। आपको ESI से मुफ्त में ईलाज, वेतन, गर्भावस्था में लम्बी छुट्टी आदि कई फायदे मिलते है। लेकिन यह लाभ आपको कब और कैसे मिलते है इसकी जानकारी आपको होना जरुरी है।

तो आज की इस पोस्ट में है यही जानेंगे की ESI कर्मचारी राज्य बीमा निगम क्या है ? (ESIC Kya Hai) ईएसआई के फायदे (ESIC ke Fayde) ईएसआई के नियम (ESIC ke niyam) क्या होते है। कैसे ईएसआईसी का लाभ (Benifits) लिया जा सकता है। इसके लिए क्या पात्रता (Eligibility) होनी चाहिए। कर्मचारी राज्य बिमा निगम से जुडी सभी जरुरी जानकारी आपको आज के इस पोस्ट में मिलेंगी।

ESI Kya Hai ईएसआई क्या है ?

ESIC एक्ट सबसे पहले 1948 में लाया गया था और इसे 24 फरवरी 1952 में लांच किया गया था। ईएसआई स्कीम (ESI Scheme) एक हेल्थ स्कीम है जिसमें 21,000 रुपये या उससे कम तनख्वाह पाने वाले संगठित क्षेत्र के कर्मचारियों को स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ दिया जाता है। जिसमे मुफ्त में ईलाज, वेतन, गर्भावस्था में लम्बी छुट्टी आदि कई फायदे मिलते है। इस स्कीम के अंतर्गत प्राइवेट नौकरी करने वाले, फैक्ट्री और कारखानों में काम करने वाले कर्मचारी या श्रमिक आते हैं। ईएसआई के अंतर्गत आज 160 से अधिक ईएसआई हॉस्पिटल, और 1500 से अधिक डिस्पेंसरी सुविधा उपलब्ध है।

कर्मचारी राज्य बिमा निगम क्या है ?

ईएसआई स्कीम (ESI Scheme) के संचालन की जिम्मेदारी कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ESIC) की है। कर्मचारी राज्य बीमा स्कीम के दायरे में 10 या 10 से ज्यादा कार्यरत कर्मचारियों वाली कंपनी और प्रतिष्ठान आते हैं। जैसे की नाम से स्पष्ट है यह एक राज्य बिमा निगम स्कीम है, इसके अधिकार राज्य सरकारों के पास होते है जिसके तहत महाराष्ट्र और चंडीगढ़ में 20 या इससे ज्यादा कर्मचारी वाले प्रतिष्ठान इस योजना के दायरे में आते हैं। ESI स्कीम के लिए कर्मचारी का रजिस्ट्रेशन नियोक्ता की तरफ से होता है। इसके लिए कर्मचारी को परिवार के सदस्यों की जानकारी देनी होती है।

इस योजना के तहत कर्मचारी को को एक नॉमिनी भी तय करना होता है। जिसके बाद 21,000 या उससे कम वेतन वाले कर्मचारियों को इस योजना के तहत मुफ्त हेल्थ सुविधा, गर्भावस्था में लम्बी छुट्टी, मेडिशन, विकलांगता, आदि कई सुविधाओं का लाभ उठा है। इस स्कीम के अंतर्गत प्राइवेट नौकरी करने वाले, फैक्ट्री और कारखानों में काम करने वाले कर्मचारी या श्रमिक आते हैं।

ESIC scheme से कैसे जुड़े।

यदि आप एक ऐसे कामगार, श्रमिक या कर्मचारी है जो किसी ऐसे संस्था, प्रतिष्ठान में कार्य करते है जहा 10 या 10 से अधिक कर्मचारी कार्य करते है तो आप स्वतः ही कर्मचारी राज्य बीमा निगम स्कीम से जुड़ सकते है। ऐसे सभी प्रतिष्ठानों में कार्यरत व्यक्ति को इसका लाभ दिया जाता है उन्हें एक ईएसआई नम्बर मिलता है जिससे वह ईएसआई की सुविधाओं का लाभ ले सकते है।

यदि आप पहले से किसी प्रतिष्ठान में कार्यरत थे और अब नए प्रतिष्ठान में कार्य कर रहे है तो अपना ईएसआई नंबर देकर उसे अपडेट कर के भी इस सुविधा का लाभ ले सकते है।

ESI Ke Niyam ईएसआई के नियम।

  • इस योजना का लाभ ऐसे कर्मचारी, श्रमिकों को मिलता है जो किसी ऐसे प्रतिष्ठान में कार्यरत है जहाँ 10 या 10 से अधिक कर्मचारी कार्य करते है।
  • कर्मचारी की वेतन 21,000 या उससे कम होना अनिवार्य है।
  • कर्मचारी की वेतन का 1.75 फीसदी योगदान कर्मचारी राज्य बीमा निगम स्कीम (ESIC Scheme) में होता है। वही नियोक्ता की ओर से 4.75 फीसदी का योगदान किया जाता है।
  • जिन कर्मचारियो की दैनिक मजदूरी 137 या उससे अधिक है उनको अंशदान में छूट मिलती है, उसका अंशदान नियोक्ता स्वयं करता है।
  • कर्मचारियों को अलग-अलग लाभ लेने के लिए अलग-अलग नियमो का पालन करना होता है जो हम आगे देखेंगे।

ESIC ke Fayde in Hindi कर्मचारी राज्य बीमा निगम के लाभ।

ईएसआई के फायदे (ESIC ke fayde) की लिस्ट बहुत लम्बी है, लेकिन बहुत कम ही लोग इन सुविधाओं का लाभ ले पाते है क्योको उन्हें पूरी तरह से जानकारी नहीं होती है। आइये जानते है ईएसआई के लाभ के बारे में –

चिकित्सा लाभ : ईएसआई में बीमित व्यक्ति और उस पर आश्रित पारिवारिक सदस्यों को रोजगार में आने के दिन से चिकित्सा लाभ मिलता है। चिकित्सा हितलाभ उपलब्ध कराने का दायित्व राज्य सरकार का है। बीमाकृत व्यक्ति और उसके परिजनों के ईलाज के लिए खर्च की अधिकतम सीमा नहीं है। यहाँ तक की सेवा निवृत्त और स्थायी अपंग बीमाकृत व्यक्तियों और उसके आश्रितों को 120 रुपये के सांकेतिक वार्षिक प्रीमियम पर चिकित्सा देखरेख प्रदान की जाती है ।

बीमारी लाभ : बीमित व्यक्ति को बीमारी के दौरान होने वाली छुट्टी के लिए एक साल में अधिकतम 91 दिनों के लिए, मजदूरी के 70 फीसदी की दर से नकद भुगतान किया जाता है। इस हित लाभ का भुगतान बीमारी प्रमाणीकरण से 7 दिन के भीतर हितलाभ मानक दर पर किया जाता है। इसके लिए बीमित कामगार का पिछले 6 महीने में 78 दिन का अंशदान होना जरुरी है।

बेरोजगारी भत्ता : यदि कोई बीमित व्यक्ति अनैच्छिक हानि या फिर रोजगार से अलग चोट लगने के कारण स्थायी रूप से डिसेबल हो जाता है तो उसे 24 माह की अवधि तक नकद मासिक भत्ता मिलता है। जैसे कोविड-19 के दौरान, आपातकाल की स्थति आदि।

मातृत्व लाभ : मातृत्व छुट्टी के दौरान डिलीवरी के मामले में 12 सप्ताह तक, गर्भपात के मामले में 26 सप्ताह तक दैनिक वेतन का 100 फीसदी नकद भुगतान पा सकती है। इसके अलावा गर्भधारण, प्रसूति, समयपूर्व जन्म के कारण होने वाली बीमारी के मामले में एक माह से अधिक के लिए भुगतान किया जाता है।

डिलीवरी के दौरान महिला की मृत्यु होने पर नॉमिनी को मैटरनिटी बेनिफिट मिलता है। ईएसआई के तहत मैटरनिटी बेनिफिट का लाभ लेने के लिए शर्त है कि बीमित महिला की ओर से पूर्ववर्ती वर्ष में 70 दिनों का अंशदान किया गया हो।

आश्रितजन लाभ : यदि किसी बीमित व्यक्ति की रोजगार के दौरान मौत हो जाती है तो ईएसआईसी उसके आश्रितों को नियत अनुपात में मासिक पेंशन का भुगतान करता है। हित लाभ का भुगतान बीमित व्यक्ति की मृत्यु के अधिकतम तीन महीने के भीतर उसके आश्रितजनों को मिलना शुरू हो जाता है। उसके बाद नियमित रूप से मासिक आधार पर भुगतान किया जाता है।

पेंशन को 3 भागों में बांटा जाता है – पहला बीमित व्यक्ति की पत्नी को पेंशन, दूसरा बीमित के बच्चों को पेंशन और तीसरा बीमित व्यक्ति के माता-पिता को पेंशन। आश्रितों को मासिक भुगतान के रूप में कर्मचारी की दैनिक मजूदरी का 90 फीसदी दिया जाता है।

अस्थाई अपंगता हितलाभ : अस्थायी अपंगता हितलाभ तब मिलता है, जब कर्मचारी रोजगार के दौरान चोट या व्यावसायिक चोट से ग्रसित हो जाता है और काम करने में असमर्थ होता है। यह हितलाभ औसत दैनिक मजदूरी के 90% की दर से तब तक प्रदान किया जाता है जब तक अपंगता रहती है।

स्थाई अपंगता हितलाभ : अगर कोई कर्मचारी स्थायी रूप से अपंग हो जाता है यानि की अब वह जीवन में श्रम करने योग्य नहीं है, तो उसे दैनिक मजदूरी के 90 फीसदी की दर से मासिक आधार पर स्थायी अपंगता हितलाभ मिलता है। स्थाई अपंगता का भुगतान जीवनभर निरंतर मासिक पेंशन के रूप में होता है। जिससे श्रमिक अपना गुजारा चला सकता है।

घातक बीमारी के लिए लाभ : बीमित लाभ में ही 34 घातक और दीर्घकालीन बीमारियों के मामले में कर्मचारी का हितलाभ 2 वर्षो तक बढ़ाया जा सकता है।

वृद्धावस्था चिकित्सा लाभ : सेवा पूरी करने के बाद भी रिटायर्ड बीमित व्यक्ति, रिटायरमेंट की उम्र से पहले स्वैच्छिक रिटायरमेंट लेने वालों और किसी स्थायी अपंगता के चलते नौकरी छोड़ने वालों को और इन लोगों की पत्नी को 120 रुपये सालाना का वृद्धावस्था चिकित्सा लाभ मिलता है।

शारीरिक पुनर्वास : रोजगार के दौरान चोट लगने के कारण शारीरिक नि:शक्तता की स्थिति में बीमित व्यक्ति जब तक कृत्रिम अंग केंद्र में भर्ती रहता है, उसे अस्थायी नि:शक्तता हितलाभ की दर से भुगतान किया जाता है।

प्रसूति व्यय : जिन मामलों में गर्भवती बीमित महिला या बीमित व्यक्ति की पत्नी को ईएसआई अस्पतालों में जरूरी चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध नहीं हो पाती हैं, उनको बाहरी अस्पतालों में उपचार कराने के लिए एक निश्चित नकद भुगतान मिलता है।

अंत्येष्टि व्यय : ईएसआईसी की ओर से बीमित व्यक्ति की मृत्यु होने की स्थिति में उसकी अंत्येष्टि के लिए मूल व्यय या अधिकतम 10 हजार रुपये का नकद भुगतान किया जाता है।

ESIC Toll Free Number

ईएसआई (कर्मचारी राज्य बीमा निगम) से जुडी सुविधाओं का लाभ लेने और शिकायत के लिए सरकार ने टोल फ्री नंबर 1800-11-2526 जारी किया है और मेडिकल सुविधा हेल्पलाइन नंबर 1800-11-3839 जारी किया है। जिसपर कॉल करके आप सहायता ले सकते है।

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